म्यूचुअल फंड चुनते समय रिटर्न की बजाय देखें यह, पहले साल मिलेगा जोरदार रिटर्न

Telegram Group Join Now

Mutual Fund Tips: म्यूचुअल फंड में निवेश करना आज एक लोकप्रिय माध्यम बन गया हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ ऊँचे रिटर्न के चक्कर में फंड चुनना जोखिम भरा हो सकता है? आइए, आज हम रिटर्न से परे जाकर, स्मार्ट म्यूचुअल फंड निवेश के 5 महत्वपूर्ण पहलुओं पर गौर करते हैं।

फंड मैनेजर और उनका इतिहास

फंड मैनेजर का अनुभव और प्रदर्शन महत्वपूर्ण है क्योंकि उनकी निर्णय क्षमता सीधे आपके निवेश के रिटर्न को प्रभावित करती है। मैनेजर के पिछले कार्यकाल में उनके द्वारा प्रबंधित फंड्स के प्रदर्शन की जांच करें। एक अनुभवी और सफल फंड मैनेजर लंबे समय में बेहतर रिटर्न देने में सक्षम होता है।

पी ई रेशियो (P/E Ratio)

पीई रेशियो (Price to Earnings Ratio) यह बताता है कि एक फंड ने किस मूल्य पर स्टॉक्स खरीदे हैं। यदि पीई रेशियो 30 से कम है, तो इसका मतलब है कि फंड ने सस्ते और मूल्यवान स्टॉक्स में निवेश किया है। यह फंड के लिए एक अच्छा संकेत है क्योंकि कम पीई रेशियो वाले स्टॉक्स आमतौर पर अधिक स्थिर होते हैं और लंबे समय में बेहतर रिटर्न दे सकते हैं। उच्च पीई रेशियो वाले फंड में जोखिम भी अधिक होता है।

यह भी पढ़ें: पिछले 6 महीने के Top Performing Mutual Funds, हुई रिकॉर्ड तोड़ कमाई!

म्यूच्यूअल फंड का आकार (AUM)

फंड का आकार भी एक महत्वपूर्ण कारक है। छोटे फंड्स को मैनेज करना आसान होता है और वे अधिक लचीले होते हैं। बड़े फंड्स में प्रबंधन की जटिलताएं बढ़ जाती हैं, जिससे उनका प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है। छोटे फंड्स में फंड मैनेजर तेजी से निर्णय ले सकते हैं और बाजार की बदलती स्थितियों के अनुसार अपने निवेश को समायोजित कर सकते हैं। इसलिए, एक छोटा और मध्य आकार का फंड चुनना बेहतर होता है।

कब हुआ था लॉन्च

फंड की लॉन्च डेट और उसके बाद की परफॉर्मेंस का अध्ययन करना महत्वपूर्ण है। इससे आपको पता चलेगा कि फंड विभिन्न मार्केट स्थितियों में कैसा प्रदर्शन करता है। पुराने फंड जो विभिन्न बाजार स्थितियों में अध्ययन कर चुके हैं, अधिक भरोसेमंद होते हैं।

इसे भी पढ़ें: 18 की उम्र में आपका बेटा होगा 50 लाख का मालिक, बस करना होगा यह काम

अल्फा और बीटा (Alpha & Beta)

अल्फा यह मापता है कि फंड ने अपने बेंचमार्क इंडेक्स की तुलना में कितना बेहतर प्रदर्शन किया है। अधिक अल्फा का मतलब है कि फंड ने अच्छा प्रदर्शन किया है।

बीटा यह मापता है कि फंड का प्रदर्शन बाजार के साथ कितना सह-संबंधित है। कम बीटा का मतलब है कि फंड कम जोखिम भरा है और बाजार में उतार-चढ़ाव का असर कम होता है।

इन 5 महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान से देखकर आप एक अच्छे म्यूचुअल फंड का चुनाव कर सकते है और पहले साल ही जबरदस्त रिटर्न प्राप्त कर सकते है।

यह भी पढ़ें: रिटायरमेंट पर चाहिए ₹7,00,00,000? किस उम्र में कितने रुपए की लगेगी SIP जानें!

अस्वीकरण/Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च और गहन अध्ययन के आधार पर आपके समक्ष लाया गया है। MoneyTimes24.com पर किसी भी प्रकार की खरीद अथवा बेच की वित्तीय सलाह और सुझाव नहीं दी जाती। निवेश से पहले प्रमाणित वित्तीय सलाहकार की सलाह लें।

Leave a Comment