Village Business Idea: आज के समय में गांव में रहकर काम की तलाश करना और पैसा कमाना काफी कठिन काम माना जाता है। लेकिन कहते हैं कि अगर कोई इंसान कुछ सोच ले तो उसके लिए वो काम करना काफी आसान हो जाता है। क्योंकि उस काम के बीच में आने वाली चुनौतियां उसके लिए सीखने का जरिया बन जाती हैं।
इसलिए आज हम आपको बिहार के एक ऐसे गांव की कहानी बताने जा रहे हैं। जहां पर ना तो किराने की दुकान है, ना ही सब्जी की दुकान है। लेकिन गांव के ही एक इंसान ने गांव में ही फैक्ट्री डाल दी। जिससे आज गांव के 22 लोगों को उसमें रोजगार भी मिल रहा है। आइए जानते हैं कि गांव के इस लड़के ने कैसे किया ये कमाल।
Village Business Idea
अगर हम उस इंसान की बात करें जिसने ये कमाल किया है तो उसका नाम है तेज नारायण सिंह। तेज नारायण सिंह बिहार के कुचायकोट प्रखंड के नटवा गांव के रहने वाले हैं। तेज नारायण पहले बड़े शहरों में रहकर कपड़ा बुनाई और सिलाई का काम किया करते थे। इसके बाद जब उन्होंने कई साल तक ये काम सीखा तो उनके जेहन में ये सवाल आया कि क्यों ना वो खुद का काम शुरू कर दें। क्योंकि दूसरे शहर में रहकर काम करना काफी कठिन होता है।
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गांव में ही डाल दी कपड़ा बुनाई की फैक्ट्री
इसके बाद तेज नारायण ने गांव के अंदर ही कपड़ा बुनाई की फैक्ट्री (Business Idea) डाल दी। शुरुआत में उन्हें कई लोगों ने सलाह दी कि इसे गांव में डालने की बजाय किसी बड़े शहर में डालो। ताकि वहां ये काम आसानी से चल सके। लेकिन तेज नारायण ने गांव में काम शुरू करने का सोचा। उनके गांव के पिछड़े होने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके गांव में उस समय ना तो किरयाने की दुकान थी ना ही सब्जी की दुकान थी। हर किसी को गांव से बाहर जाना पड़ता था।
इसलिए तेज नारायण के लिए गांव में रहकर इस तरह का काम शुरू करना इतना आसान नहीं था। क्योंकि गांव के अंदर इतनी ज्यादा बिजली की व्यवस्था भी नहीं थी और अनुभवी लोग भी गांव में नहीं मिल सकते थे।
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अब तक 22 लोगों को दिया रोजगार
तेज नारायण ने जो काम अपनी सूझबूझ से शुरू किया था आज उसके नतीजे भी सामने आने लगे हैं। आज तेज नारायण गांव के 22 लोगों को अपनी फैक्ट्री के अंदर रोजगार देने का काम कर रहे हैं। उनकी फैक्ट्री के अंदर गांव के कई ऐसे लोग काम करते हैं जो पहले किसी दूसरे शहर में काम करते थे।
लेकिन जब उन्हें पता चला कि अब उनके गांव के अंदर ही कपड़ा बुनाई की फैक्ट्री (Business Idea) आ चुकी है तो उन्होंने वहां पर काम छोड़कर गांव की फैक्ट्री में काम करना पसंद किया। ताकि गांव में ही रह भी सकें और रोजगार भी पा सकें। तेज नारायण का सपना है कि आने वाले समय में ये सख्या और ज्यादा बढ़ाई जाए।
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गांव में रहकर बड़ी कमाई
आज तेज नारायण बताते हैं कि उन्हें इस बात की खुशी है कि उन्होंने गांव के अंदर कपड़ा सिलाई की जो फैक्ट्री डाली थी। उसके बने कपड़े आज बिहार के गोपालगंज जिले के बाहर भी लगभग 100 बाजारों में सप्लाई किए जाते हैं। साथ ही गांव के 22 लोगों को रोजगार भी मिला है। जिससे वो लोग गांव के अंदर ही रहकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। उनके लिए ये किसी सपने से कम नहीं था।
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सरकार की मदद लेकर बिजनेस को करेंगे और बड़ा
तेज नारायण कहते हैं कि अगर उनके इस काम (Business Idea) में सरकार भी अपना कुछ सहयोग दे तो वो इस काम को और ज्यादा बड़े स्तर पर ले जा सकते हैं। साथ ही अगर बिहार सरकार ऐसे लोगों की मदद करे तो अन्य लोगों को भी नए अवसर मिल सकते हैं। क्योंकि बिहार के काफी सारे लोग ऐसे हैं। जो कि इस समय गुजरात और मुंबई के अंदर रहकर कपड़े ही फैक्ट्री के अंदर काम कर रहे हैं। अगर उन्हें सरकार मदद दे तो वो भी अपने गांव में वापिस आ सकते हैं।