Business Story: छोटे शहर की लड़कियां जब बड़े सपने देखती हैं, तो न सिर्फ खुद की तकदीर बदलती है बल्कि पूरे समाज को सोचने पर मजबूर कर देती हैं। एक ऐसी ही कहानी है मथुरा की रहने वाली लड़की की, जिन्होंने अपने घर के बेसमेंट से ₹5000 की बचत से एक छोटे से शौक को कारोबार में बदला और आज सालाना ₹2 करोड़ से अधिक का टर्नओवर कर रही हैं।
इस काम की शुरुआत शौक से हुई थी, वो भी एक ऐसी स्थिति में जब न नौकरी थी, न आज़ादी, और ना ही परिवार से कोई खास समर्थन। तो आइए जानते है इस बिजनेस स्टोरी के बारे में विस्तार से।
जब शादी बन गई थी करियर में रुकावट
1990 में जन्मी मालविका सक्सेना का पालन-पोषण एक संपन्न व्यवसायी परिवार में हुआ। उनके पिता तंबाकू व्यापार में थे और मां गृहिणी। मालविका ने B.Sc. करने के बाद GLA यूनिवर्सिटी से MBA पूरा किया। पढ़ाई के बाद वह बैंकिंग क्षेत्र में करियर बनाना चाहती थीं लेकिन परिवार चाहता था कि वह जल्द से जल्द शादी कर लें।
हालांकि घरवालों ने पढ़ाई की पूरी आज़ादी दी, लेकिन करियर के मामले में उनकी सोच पारंपरिक थी। इस बीच मालविका ने कैंपस प्लेसमेंट का मौका छोड़ दिया और परिवार के दवाब में घर पर रहकर ही विकल्प तलाशने लगीं।
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जूतों से शुरू हुआ रंगों का सफर
मालविका की जिंदगी में टर्निंग पॉइंट तब आया, जब उनकी छोटी बहन अंबिका अलमारी साफ कर रही थीं। कुछ पुराने और घिसे हुए Sneakers फेंकने जा रही थीं। मालविका ने वही पुराने जूते लेकर उन पर रंगों से कलाकारी शुरू कर दी। पैटर्न कुछ ऐसा बना कि जूते एकदम नए और अनोखे लगने लगे।
जब अंबिका ने वे जूते कॉलेज में पहने तो दोस्तों से तारीफें मिलने लगीं। यहीं से ऑर्डर्स मिलने का सिलसिला शुरू हुआ। अम्बिका की कुछ सहेलियों ने उनसे वैसा ही डिजाइन बनवाने की इच्छा जताई।
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बचे हुए 5000 रुपये से बिजनेस
मालविका के पास उस समय सिर्फ ₹5000 की बचत थी। उसी से उन्होंने एक सफेद स्नीकर्स की जोड़ी खरीदी, कुछ Fabric Paints लिए और Instagram पर एक पेज बनाया—The Quirky Naari। उनके पास न कोई दुकान थी, न स्टॉक और न ही अनुभव, लेकिन जज़्बा था।
Pinterest से प्रेरणा लेकर उन्होंने फोटो पोस्ट की और कैप्शन डाला—“यह डिजाइन बनाया जा सकता है।” एक दिन एक लड़की ने मुगल शैली में डिजाइन बनाने का ऑर्डर दिया और एडवांस पेमेंट भी किया। यहीं से असली शुरुआत हुई।
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सोशल मीडिया से मिला उड़ान भरने का प्लेटफॉर्म
Instagram ही उनका पहला Marketing टूल बना। उन्होंने धीरे-धीरे फैशन और लाइफस्टाइल पेजों, छोटे Influencers और Celebrity Managers को DM करना शुरू किया। कई बार उन्हें जवाब नहीं मिला, लेकिन कुछ जगहों पर उनके डिजाइन पसंद किए गए।
धीरे-धीरे ऑर्डर्स बढ़ने लगे और मालविका को अपनी पहली Intern रखने का मौका मिला। उन्होंने जूते ही नहीं, टी-शर्ट, बैग्स, और कुर्तियां तक डिजाइन करना शुरू कर दिया।
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टीम बनी, दिल्ली हुई शिफ्ट
2018 से 2020 के बीच उनके ब्रांड ने सोशल मीडिया पर अच्छी पकड़ बना ली। 2021 में मालविका ने अपनी टीम के साथ Shark Tank India में भाग लिया, जहां उनके ब्रांड को सराहा गया और निवेशक विनीता सिंह और अनुपम मित्तल ने फंडिंग दी।
इस फंडिंग के बाद उन्होंने अपना बेस मथुरा से बदलकर दिल्ली के घिटोरनी में कर लिया और कंपनी को प्रोफेशनल लेवल पर स्केल किया। आज उनकी टीम में 17 से ज्यादा कर्मचारी हैं और काम पूरी तरह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से चलता है।
आज बन गई हैं ‘क्वर्की नारी’ की पहचान
The Quirky Naari का 80% बिजनेस उनकी वेबसाइट से आता है और बाकी Amazon, Myntra जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से। मालविका अब नए Designers को मौका देती हैं, और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करती हैं।
सपनों के लिए जगह जरूरी नहीं, जुनून काफी है
मालविका की Business Story बताती है कि सफलता के लिए ना तो बड़ा शहर चाहिए, ना बड़ी पूंजी। अगर कुछ चाहिए तो वो है विश्वास। ₹5000 की बची हुई राशि से शुरू हुआ ये सफर अब सालाना ₹2 करोड़ की कमाई तक पहुंच चुका है।
आज मालविका उन युवाओं की प्रेरणा हैं जो कम संसाधनों में भी बड़ी उड़ान भरना चाहते हैं।