Business Success Story: कभी किसी बड़े अस्पताल की एचआर हेड रह चुकीं एक महिला ने अचानक नौकरी छोड़ दी। यह फैसला तब लिया गया जब सब कुछ अच्छा और सुरक्षित था। लेकिन उनके मन में कुछ बड़ा करने की ललक थी, एक ऐसा सपना जो उन्हें चैन से बैठने नहीं दे रहा था।
उन्होंने जो फैसला लिया, वह आसान नहीं था — लेकिन यही कदम उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा Turning Point बन गया। आज वह महिला 25 लोगों की टीम को लीड कर रही हैं, और उनका बनाया स्टार्टअप करोड़ों का कारोबार कर रहा है। तो आइए जानते है इस Business Success Story के बारे में विस्तार से।
एक नौकरी जो बन गई बदलाव की वजह
आभा गुप्ता मूल रूप से झारखंड के बोकारो स्टील सिटी की रहने वाली हैं। उनके पिता एक सरकारी उपक्रम सेल (SAIL) में कार्यरत थे और मां गृहिणी थीं। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहने वाली आभा ने चिन्मय विद्यालय से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और फिर सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से बॉटनी में स्नातक की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने आईबीएस बेंगलुरु से एमबीए किया।
एमबीए के बाद उन्हें Campus Placement के जरिए Fortis Hospitals में Management ट्रेनी की नौकरी मिली। मेहनती और प्रतिभाशाली आभा ने जल्द ही खुद को साबित किया और कुछ ही वर्षों में वह Fortis में यूनिट एचआर हेड बन गईं। इस दौरान उन्होंने Healthcare Industry की Sourcing संबंधी चुनौतियों को बहुत करीब से देखा।
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एक बिजनेस का विचार, जिसने बदल दी जिंदगी
फोर्टिस में एक नए अस्पताल की स्थापना के दौरान आभा को लगातार अलग-अलग Suppliers से डील करना पड़ता था। हर बार छोटी-बड़ी चीजों के लिए जूझना पड़ता, सप्लाई चैन असंगठित थी और विश्वसनीयता की भारी कमी थी।
तभी एक दिन उन्होंने यह अनुभव अपने पति प्रवीण के साथ साझा किया। प्रवीण उस समय सैमसोनाइट इंडिया में असिस्टेंट मैनेजर थे। बातचीत के दौरान दोनों ने महसूस किया कि कॉर्पोरेट सेक्टर में सोर्सिंग के लिए एक संगठित और भरोसेमंद प्लेटफॉर्म की बड़ी जरूरत है। यही विचार धीरे-धीरे एक बिजनेस आइडिया में बदल गया।
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पहले बचाया पैसा, फिर छोड़ी नौकरी
बिना सोचे-समझे आभा ने जोखिम नहीं लिया। उन्होंने दो साल तक पूरी प्लानिंग की, बाजार को समझा, संभावनाएं टटोलीं और फिर 2016 में फोर्टिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया।
इस फैसले को आसान नहीं कहा जा सकता, क्योंकि उन्होंने एक अच्छी खासी सैलरी वाली नौकरी छोड़ी थी। लेकिन आभा ने अपने 10 लाख रुपये की सेविंग्स को लगाकर उस सपने को हकीकत में बदलने की ठानी।
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2018 में हुई शुरुआत, 2020 में आई सबसे बड़ी चुनौती
दो वर्षों की तैयारी के बाद 2018 में उन्होंने “एंट मस्कट” नाम से अपना ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया। इसका मकसद था — व्यवसायों के लिए एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करना जो ऑफिस की सभी जरूरतों को एक क्लिक पर पूरा करे।
Stationery, Housekeeping Products, Pantry Items और Corporate Gifts जैसी नियमित जरूरतों को उन्होंने एक ही पोर्टल पर लाकर खड़ा कर दिया।
शुरुआत आसान नहीं थी। सप्लायर्स को जोड़ना, कर्मचारियों को बनाए रखना, और ग्राहकों का भरोसा जीतना — हर मोड़ पर संघर्ष था। लेकिन सबसे बड़ी चुनौती 2020 में आई जब कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को हिला दिया। बिजनेस लगभग ठप हो गया, लेकिन आभा ने न तो किसी कर्मचारी को निकाला और न ही किसी की सैलरी काटी।
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महामारी के बाद की रफ्तार
जैसे-जैसे महामारी का असर कम हुआ, एंट मस्कट ने भी रफ्तार पकड़ ली। आज कंपनी के प्लेटफॉर्म पर 350 से अधिक ब्रांड मौजूद हैं और वे इस संख्या को बढ़ाकर 1,000 तक ले जाने की योजना बना रही हैं।
कंपनी B2B मॉडल पर काम करती है, यानी उनका पूरा फोकस व्यवसायों को Services देने पर है। वे ऑफिस से जुड़ी सभी जरूरी वस्तुएं उपलब्ध कराते हैं और Automatic Delivery का फीचर भी प्रदान करते हैं जिससे कंपनियों की समय और लागत दोनों की बचत होती है।
अब करोड़ों का कारोबार और 25 लोगों की टीम
आज एंट मस्कट 25 से ज्यादा लोगों की टीम के साथ देश के कई हिस्सों में काम कर रहा है। कंपनी ने इस वित्तीय वर्ष में 25 करोड़ रुपये के टर्नओवर का लक्ष्य रखा है। आभा खुद इस बात का उदाहरण हैं कि सोच अगर स्पष्ट हो और इरादा मजबूत हो, तो सीमित संसाधनों से भी असाधारण सफलता पाई जा सकती है।
प्रेरणा हर उस व्यक्ति के लिए
आभा गुप्ता की यह Business Success Story उन हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं हैं और कुछ अलग करने की तमन्ना रखते हैं। उन्होंने दिखा दिया कि सही सोच, मजबूत इच्छाशक्ति और मेहनत से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।
जोखिम लेना कभी आसान नहीं होता, लेकिन कभी-कभी वही कदम आपको वहां ले जाता है, जहां पहुंचने का आपने कभी सिर्फ सपना देखा होता है।