Business Success Story: बिजनेस करना अपने आप में एक कला है। इसलिए काफी सारे लोग बिजनेस तो शुरू करते हैं। लेकिन उसे कामयाबी के मुकाम तक नहीं पहुंचा पाते हैं। लेकिन आज हम आपको जिस शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं उसने ना सिर्फ बिजनेस शरु किया, बल्कि अपने बिजनेस को एक ऊंचाई तक पहुंचाने का काम किया।
Business Success Story
आज हम आपको जिस लड़के की कहानी बताने जा रहे हैं उसका नाम है जय अग्रवाल। जय बीकानेर के रहने वाले हैं। उनके पिताजी का पहले से पापड़ का कारोबार था। ऐसे में जब उन्होंने 12 वीं की पढ़ाई पूरी की तो अपने पिताजी के साथ उनके काम में हाथ बंटाने लगे। इसके बाद जब उनकी ग्रेजुएशन हो गई तो पूरी तरह से पिता के काम में लग गए। जिससे उन्हें भी हाथ से पापड़ बनाना अच्छे से आ गया। उस समय उनके पिताजी की बीकानेर में ही ‘विशाल पापड़ नमकीन भंडार’ के नाम से दुकान थी।
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पिता के काम को दिया विस्तार
जय अग्रवाल जब इस काम में पूरी तरह से उतर गए तो उन्होंने सोचा कि अगर ये काम ऐसे ही चलता रहा तो इससे ज्यादा कमाई नहीं होगी। इसलिए जरूरी है कि इस काम को विस्तार दिया जाए। इसके लिए उन्होंने तय किया कि अब वो अपने इस पापड़ के काम को और आगे बढ़ाएंगे। जिसके बाद उन्होंने कई तरह के पापड़ को बनाना शुरू किया। साथ ही अपने प्रोडक्ट को दूर दूर तक ले जाकर बेचना शुरू किया। जिसके लिए मार्केटिंग की भी मदद ली।
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2015 में लगा दी फैक्ट्री
जय अग्रवाल एक समय के बाद इस काम को अपने घर से नहीं चला पा रहे थे। इसलिए इसे लघु उद्योग के रूप में आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। इसमें उन्होंने सोचा कि क्यों ना बीकानेर में एक फैक्ट्री डाल दी जाए। जिससे वो रोजाना ज्यादा मात्रा में पापड़ तैयार कर सकें। इसके बाद उन्होंने बीकानेर शहर के अंदर ही पापड़ की एक फैक्ट्री डाल दी। जहां पर रोजाना काफी ज्यादा मात्रा में पापड़ तैयार किए जाते हैं।
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कई प्रकार के पापड़ किए तैयार
जय अग्रवाल आज के समय में कई प्रकार के पापड़ तैयार करते हैं। जिसमें आलू के पापड़, साबूदाना के पापड़, चावल के पापड़, मूंग दाल के पापड़ शामिल हैं। साथ ही वो नमकीन भी तैयार करते हैं। इससे उनके ग्राहकों के पास काफी सारे विकल्प होते हैं। जिस जिस तरह का पापड़ चाहिए, वो उसी तरह का पापड़ आसानी से खरीद सकता है।
आज 100 करोड़ का टर्नओवर
आज जय अग्रवाल की फैक्ट्री में रोजाना 10 हजार से ज्यादा पापड़ के पैकेट तैयार किए जाते हैं। साथ ही काफी सारे लोग उनकी फैक्ट्री में काम करते हैं। इसके अलावा उनकी पत्नी प्रेमलता उनके काम में उनका पूरा सहयोग करती हैं। पापड़ के इस बिजनेस जितना भी काम बाहर का होता है वो खुद संभालते हैं और जितना भी काम अंदर का और फैक्ट्री का होता है, उनकी पत्नी संभालती हैं। उनके इस बिजनेस प्लान को देखते हुए साल 2018 में एक कंपनी ने उनके बिजनेस में 10 करोड़ रुपए का निवेश भी किया था।
मिल चुके हैं कई अवार्ड
जय अग्रवाल ने जब से ये बिजनेस शुरू किया है तब से उन्हें कई अवार्ड भी मिल चुके हैं। क्योंकि उन्होंने अपने बिजनेस को जिस तरह से उठाया वो वाकई में काबिले तारीफ है। जिसे देखते हुए कई संस्थाओं की तरफ से उनका सम्मान किया जा चुका है। साथ ही नए बिजनेस में उतरने वाले युवाओं के लिए वे आज मिसाल की तरह काम कर रहे हैं।