Business Success Story: कोलकाता की गलियों से उठी एक खुशबू ने एक बच्चे का दिल ऐसा छू लिया कि उस पल लिया गया फैसला आज ₹1 करोड़ प्रतिमाह की कमाई में तब्दील हो गया। यह कहानी है एक ऐसे लड़के की, जिन्होंने मात्र 8 साल की उम्र में अपने जीवन का वह सपना देख लिया था, जिसे कई लोग सोचते भी नहीं।
चाइनीज खाने की दीवानगी और फाइन डाइनिंग के प्रति एक खास नजरिया, कुछ ऐसा था उनका फॉर्मूला जिसने उन्हें बना दिया देश के सफलतम Restaurant बिजनेसमैन में से एक।
Business Success Story
बात तब की है जब देबादित्य केवल 8 साल के थे। कोलकाता के बालीगंज इलाके में रहने वाले देबादित्य के पड़ोस में एक मशहूर चाइनीज रेस्टोरेंट ‘किम वाह’ था।
वहां से आती खाने की सुगंध ने उनके दिल-दिमाग पर ऐसा असर डाला कि उन्होंने उसी समय तय कर लिया—”मुझे बड़ा होकर अपना रेस्टोरेंट खोलना है।” पहली बार चाइनीज नूडल्स और ग्रेवी चखने के बाद यह सपना और गहराता चला गया।
किम वाह Restaurant के मालिक का परिवार उनके लिए बिल्कुल अपना सा था, और वहां बिताए पलों ने उनके दिमाग में एक स्पष्ट तस्वीर बना दी—एक दिन ऐसा Restaurant बनाऊंगा जहां स्वाद, माहौल और अनुभव तीनों बेमिसाल हों।
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पढ़ाई के साथ-साथ संगीत का जुनून
देबादित्य ने पढ़ाई में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। 1999 में साउथ पॉइंट हाई स्कूल से 10वीं और 2004 में सेंट जेवियर्स कॉलेज से बी.कॉम किया। इसके बाद उन्होंने 2006 में कोलकाता के IISWBM से एमबीए भी किया।
लेकिन इसी दौरान उनके जीवन में एक और जुनून ने जगह बना ली—संगीत। उन्होंने कॉलेज के दिनों में ‘लक्खीछारा’ नाम का बंगाली Rock Band बनाया और बतौर कीबोर्ड प्लेयर देश-विदेश में शो किए।
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नौकरी छोड़कर अपनाया जोखिम
देबादित्य ने पढ़ाई के बाद एक पीआर एजेंसी ‘Blue Lotus Communications’ में बतौर Brand Head काम करना शुरू किया। सैलरी थी एक लाख रुपये प्रतिमाह, लेकिन मन में तो वो 8 साल का सपना आज भी ज़िंदा था। जब उन्होंने थोड़ी पैसे जुटा लिए, तो 2010 में एक साहसी फैसला लिया—नौकरी छोड़ दी और खुद का रेस्टोरेंट खोलने की ठानी।
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सिर्फ ₹15 लाख से रखी नींव, और बन गया ‘चॉवमैन’
2010 में देबादित्य ने कोलकाता में 350 वर्ग फीट की एक छोटी सी जगह में सिर्फ ₹15 लाख के निवेश से ‘चॉवमैन’ नाम का पहला आउटलेट शुरू किया। उनका टारगेट क्लियर था—मध्यम वर्ग को सस्ती दर पर फाइव स्टार जैसा चाइनीज फाइन डाइनिंग अनुभव देना।
इस अनुभव को खास बनाने के लिए उन्होंने चीन से सॉस, क्रॉकरी, कटलरी और सजावट की चीज़ें मंगवाईं। दो एक्सपर्ट शेफ और 70 से ज्यादा व्यंजन—ये सब मिलाकर तैयार हुआ ऐसा मेन्यू, जिसमें सिर्फ ₹300 में दो लोगों को बढ़िया खाना मिल जाए। और यह फार्मूला हिट हो गया।
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पहले साल में ही 20 लाख का टर्नओवर
पहले दिन से ही ग्राहकों की लाइन लग गई। स्वाद, माहौल और कीमत का ऐसा मेल था कि पहले साल में ही 20 लाख रुपये का टर्नओवर हो गया। इसके बाद देबादित्य ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2011 में दूसरा आउटलेट और फिर 2013 तक 1 करोड़ का सालाना कारोबार।
अब 29 आउटलेट, हर महीने कमाई ₹1 करोड़ पार
धीरे-धीरे ‘चॉवमैन’ का नाम हर शहर में फैलने लगा। कोलकाता से लेकर बेंगलुरु और दिल्ली तक, अब 29 Outlets हो चुके हैं। देबादित्य ने Swiggy, Zomato जैसे प्लेटफॉर्म्स से Partnership की, साथ ही खुद की डिलीवरी टीम भी खड़ी की। उन्होंने Technology के साथ कदम मिलाते हुए ग्राहकों को ऐप के जरिए भी ऑर्डर करने की सुविधा दी।
चॉवमैन के अलावा देबादित्य ने अपने भाई शिलादित्य के साथ मिलकर दो और Brands शुरू किए—अवध 1590 (अवधी भोजन) और चैप्टर 2 (लाइव म्यूजिक और कॉन्टिनेंटल)। आज यह पूरा Restaurant Network मिलकर हर महीने ₹1 करोड़ से ज्यादा की कमाई करता है, और सालाना टर्नओवर 150 करोड़ को पार कर चुका है।