Stock Market Today News: हाल ही में SEBI यानी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने एक नया फैसला लेने की और इशारा किया है। इशारा मतलब SEBI ने सभी निवेशकों से अपनी पोर्टल पर एक फीडबैक जैसी राय मांगी है ताकि उसे इस नए फैसले को लेने एक मार्गदर्शन मिल सके।
क्या है SEBI कि यह नया प्लान?
आपको भी पता होगा कि हम जब भी कोई व्यक्ति किसी कंपनी का शेयर खरीदता है तो वह ब्रोकर के रास्ते हमारे डिमैट अकाउंट में शेयर क्रेडिट हो जाता है जिसे NSDL और CDSL (Central Depository Services Limited) के द्वारा ऑपरेट किया जाता है। हमारी सुरक्षा को देखते हुए SEBI यह सोच रही है कि क्यों न बीच में ब्रोकर का काम ना रहे। हम शेयर खरीदे और हमारा शेर सीधे हमारे डिमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाए। और हम अपने डिमैट अकाउंट से ही स्टॉक की खरीद और बिक्री कर सकें।
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क्यों ब्रोकर सिस्टम हटाने को सोच रही है SEBI?
आपको बता दूं कि कुछ साल पहले कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग फर्म ने दूसरे शेयर होल्डर के शेयर्स को दिखाकर किसी बैंक से 2,300 करोड़ का लोन उठाया था। कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी एक बहुत ही पुरानी कंपनी थी जिसकी शुरुआत 1983 में की गई थी। इस स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी में 30,000 से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत थे और 400 शहरों में 900 से ज्यादा ऑफिस भी थी। यदि इतनी पुरानी और मशहूर कंपनी ऐसा कर सकती है तो आने वाले समय में कुछ भी हो सकता है।
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इस स्कैम को Karvy Stock Broking ने कैसे दिया अंजाम?
जिस तरह से आज भारत में ग्रो, जिरोधा और एंजेल वन पर करोड़ों लोग विश्वास करते हैं और स्टॉक खरीद कर लंबे समय तक के लिए छोड़ देते हैं बिल्कुल वैसे ही कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग प्लेटफार्म पर भी होता था। कार्वी प्लेटफार्म के मालिक ने सोचा कि जिस अकाउंट में पिछले 1 साल में कोई भी एक्टिविटी नहीं हुई है तो क्यों ना उन अकाउंट के होल्डिंग शेयर्स को अपने अकाउंट में दिखाकर बैंक से लोन ले लिया जाए।
बस फिर क्या था जितने भी Dormant डिमैट अकाउंट थे उन सारे के शेयर्स को उन्होंने अपने ब्रोकिंग के पुल अकाउंट में दिखाकर बैंक से 2,300 करोड़ रुपए का लोन उठा लिया। शुरुआत में तो इसकी भनक किसी को भी नहीं लगी। आखिरकार 2023 के आसपास SEBI को इस घोटाले के बारे में पता चला। फिर SEBI ने इस कंपनी पर कार्रवाई करते हुए अच्छी खासी पेनल्टी लगाई। SEBI ने Karvy Stock Broking के प्रमोटर के ऊपर 7 साल तक सिक्योरिटी मार्केट में डील करने पर रोक लगा दी और 21 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया।
SEBI के इस नए प्लान के लिए आप कैसे दे सकते हैं अपनी राय?
कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग फर्म के इस घोटाले के बाद से SEBI काफी हद तक सावधान हो गई फिर उसने सोचा कि क्यों ना ब्रोकर पूल अकाउंट जैसे सिस्टम को ही हटा दिया जाए ताकि इस तरह को धोखाधड़ी और दुरुपयोग से बचा जा सके। आप SEBI की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर 30 मई तक अपनी राय दे सकते हैं।