लोन नहीं मिला तो बेच दिया सबसे कीमती चीज, ₹20 हजार से करी इस बिजनेस की शुरुआत, अब जिले में सबसे ज्यादा अमीर

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Profitable Business Idea: आप हमारे इस पेज पर अक्सर बिजनेस आइडिया पढ़ते रहते हैं। यहां पर हम आपके लिए नए-नए बिजनेस आइडिया अपडेट भी करते रहते हैं, पर आज हम बिजनेस आइडिया नहीं बल्कि एक Successful Business Story के बारे में बात करने वाले हैं।

जी हाँ दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं DTDC Express Limited के संस्थापक शुभाशीष चक्रवर्ती की सक्सेस स्टोरी के बारे में। डीटीडीसी आज के समय में बहुत बड़ी कोरियर कंपनी है। तो आइए जानते हैं कि शुभाषीश चक्रवर्ती ने अपने Empire को कैसे खड़ा किया है।

कौन हैं श्री शुभाशीष चक्रवर्ती?

शुभाशीष चक्रवर्ती (Subhasish Chakraborty) कोलकाता के रहने वाले है। वह डीटीडीसी कूरियर सर्विस के संस्थापक और मैनेजिंग डायरेक्टर है। इन्होंने रामकृष्ण मिशन रेजिडेंशियल कॉलेज से केमिस्ट्री की पढ़ाई पूरी की और पढ़ाई के दौरान ही पियरलेस नाम की एक बीमा कंपनी में काम करना शुरू किया।

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सब कुछ दांव पर लगाकर किया शुरुआत

1987 में शुभाशीष ने बीमा कंपनी को छोड़कर अपना खुद का केमिकल डिस्ट्रीब्यूशन का काम शुरू किया, लेकिन डाक सेवाओं की कमियों के कारण यह बिजनेस सफल नहीं हो पाया। इस पॉइंट पर शुभाशीष को एहसास हुआ कि ग्राहक और सेवाओं के बीच एक बड़ा अंतर है। इसी अंतर को खत्म करने के लिए उन्होंने 26 जुलाई 1990 में कोरियर सेवा शुरू की और आज वही  DTDC के नाम से मशहूर है।

DTDC का मतलब है “डेस्क टू डेक्स कूरियर एंड कार्गो”। इस बिजनेस को शुरू करने में उन्हें बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। बैंक वालों ने लोन देने से इनकार कर दिया। इसलिए शुभाशीष को अपनी मां के गहने बेचने पड़े और उन्होंने इस कंपनी को केवल ₹20,000 के निवेश के साथ शुरू किया।

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बिजनेस मॉडल ने दिलाई सफलता

डीटीडीसी कूरियर फ्रेंचाइजी बिजनेस मॉडल पर काम करती है। 1991 में शुभाषीश को फ्रेंचाइजी मॉडल का विचार आया। यहां से DTDC ने सफलता की उड़ान भरी। इस मॉडल के तहत उन्होंने छोटे शहरों में भी अपनी सर्विस देना शुरू किया।

शुभाषीश ने पाया कि छोटे शहरों में कूरियर सेवाओं की मांग अधिक है। यह कदम काफी फायदेमंद साबित हुआ और देखते-देखते डीटीडीसी एक बड़ा नाम बन गया। आज के समय में DTDC के पास 14000 पिन कोड पर सेवाएं देने का नेटवर्क है। इंफोसिस, टाटा ग्रुप, विप्रो जैसी बड़ी कंपनियां भी DTDC की ग्राहक है। यह कंपनी 220 नंबर पर अपनी वैश्विक उपस्थित रखती है।

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DTDC का है बहुत बड़ा नेटवर्क

2006 तक कंपनी के पास 3700 फ्रेंचाइजी और 125 करोड़  रुपए तक की कमाई हो चुकी थी। रिलायंस कैपिटल ने इस कंपनी में 70 करोड़ रुपए निवेश किया, जिसके बाद यह 180 करोड़ रुपए की कंपनी बन गई।

2010 तक इसकी बिक्री बढ़कर 450 करोड़ रुपए पहुंच गई। साल 2013 में निक्कोस लॉजिस्टिक में DTDC ने 70% हिस्सेदारी हासिल की और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए भारत ने पहले डिलीवरी नेटवर्क DotZot की स्थापना की।

शुभाशीष चक्रवर्ती की कहानी सफलता और संघर्ष का शानदार उदाहरण है। यह Successful Business Story हमें बताती है कि अगर मन में दृढ़ इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत करने का इरादा हो तो हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

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