Simple Business Idea: ज़रा सोचिए, जब आप हर महीने दो आईफोन प्रो मैक्स खरीदने जितनी कमाई कर रहे हों, तो जिंदगी कैसी होगी? यही कहानी है केरल के निषाद वीआर की, जिन्होंने नौकरी की टेंशन और एकरंगी दिनचर्या से तंग आकर ऐसा काम शुरू किया जो अब उनकी पहचान बन चुका है।
यह सफलता की कहानी है उस इंसान की जिसने अपने जुनून को पहचान कर कुछ नया करने की ठानी, और अब हर महीने लाखों की कमाई कर रहे हैं। आइए जानते हैं कैसे निषाद ने जैविक खेती को अपना बिजनेस बनाया और कैसे उनकी मेहनत ने उन्हें सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचा दिया।
रोज की 9-5 रूटीन से आ गए थे तंग
निषाद वीआर, केरल के रहने वाले, पेशे से वकील थे। उन्होंने कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी तो पाई लेकिन नौकरी की एकरंगी दिनचर्या ने उन्हें कभी संतोष नहीं दिया।
सुबह 9 से शाम 5 की नौकरी करते-करते उनके अंदर की Creativity कहीं खोती जा रही थी। इसके अलावा, वे समझ चुके थे कि नौकरी में भले ही सिक्योरिटी हो, लेकिन आत्मसंतुष्टि नहीं।
निषाद को हमेशा से प्रकृति से जुड़ने और कुछ ऐसा करने का मन था, जिसमें वह खुद को पूरी तरह से झोंक सकें। साल 2016 में उन्होंने हिम्मत जुटाई और नौकरी छोड़कर खेती (Simple Business Idea) की ओर कदम बढ़ाया। यह फैसला आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने ठान लिया था कि वे अपनी खुद की पहचान बनाएंगे।
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मन में आया जैविक खेती का बिजनेस आइडिया
निषाद ने पारंपरिक खेती की बजाय जैविक खेती (Simple Business Idea) को चुना। जैविक खेती का मार्केट तेजी से बढ़ रहा था और लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ रही थी। निषाद ने सोचा कि यह एक बेहतरीन अवसर हो सकता है। उन्होंने कुछ महीनों तक खेती की तकनीक सीखी और छोटे पैमाने पर खेती शुरू की।
शुरुआत में दिक्कतें आईं। मिट्टी की Quality, मौसम के मिजाज और फसलों की देखभाल जैसी चुनौतियों से उन्हें जूझना पड़ा। लेकिन उनकी मेहनत ने रंग लाना शुरू कर दिया। उन्होंने केरल की उपजाऊ मिट्टी में ऐसी ताजगी भरी सब्जियां उगानी शुरू कीं, जो पूरी तरह जैविक थीं और किसी भी तरह के Chemicals से मुक्त थीं।
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‘मारारी फ्रेश’ बिजनेस की हुई शुरुआत
निषाद ने अपने ब्रांड का नाम रखा “मारारी फ्रेश”, जो केरल के मशहूर मारारी बीच से प्रेरित था। उनकी मेहनत की वजह से यह ब्रांड जल्द ही नाम कमाने लगा। वे न केवल स्थानीय बाजारों में अपनी उपज बेचने लगे, बल्कि राज्य के Top Supermarkets तक ताजगी भरी सब्जियां और फल सप्लाई करने लगे।
मारारी फ्रेश का खासियत यह थी कि यहां से मिलने वाली हर चीज़ ताजा और शुद्ध थी। जैविक होने के कारण इसकी मांग दिन-ब-दिन बढ़ती गई। निषाद ने अपनी फसल की Quality में कोई समझौता नहीं किया और यही वजह थी कि लोग उन पर भरोसा करने लगे।
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प्रतिमाह 4 लाख तक पहुंच जाती है कमाई
निषाद की मेहनत ने उन्हें उस मुकाम पर पहुंचा दिया है, जहां वे हर महीने लाखों की कमाई कर रहे हैं। उनका ब्रांड न सिर्फ केरल बल्कि आस-पास के राज्यों में भी लोकप्रिय हो चुका है। इससे उनकी सालाना कमाई लगभग 40 लाख रुपये हो चुकी है। अगर आप हिसाब लगाएं तो यह इतनी राशि है कि हर महीने 2 आईफोन प्रो मैक्स आराम से खरीदे जा सकते हैं।
निषाद का कहना है कि इस सफलता (Simple Business Idea) का सबसे बड़ा कारण उनका फोकस और धैर्य था। उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपनी खेती में नई-नई तकनीकों को शामिल किया।