Small Business Idea: कुछ कहानियां ऐसी होती हैं, जो न केवल प्रेरणा देती हैं, बल्कि यह भी बताती हैं कि अगर इंसान ठान ले, तो छोटी शुरुआत से भी बड़ी मंज़िल पाई जा सकती है। ऐसी ही एक कहानी है बिहार के एक युवा की, जिसने अठारह साल की उम्र में वो फैसला लिया, जो ज्यादातर लोग करने से हिचकते हैं।
इस युवा ने न नौकरी चुनी, न शहर की भीड़ में खोने का फैसला किया, बल्कि गांव में ही एक ऐसे काम की नींव रखी, जिसने उसे आज ₹50,000 महीने की कमाई तक पहुँचा दिया। तो आइए जानते है इस बिजनेस स्टोरी के बारे में विस्तार से।
जब पढ़ाई में नहीं लगा मन, तो चुनी मेहनत की राह
हम बात कर रहे हैं प्रभु रंजन की, जिन्होंने महज 18 साल की उम्र में अपनी अलग राह चुनी। इस युवा ने वो रास्ता चुना जिससे ज्यादातर लोग दूरी बनाते हैं – खेती। प्रभु रंजन को बचपन से ही किताबों में ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी। 10वीं तक आते-आते उन्होंने साफ तय कर लिया था कि वह नौकरी के पीछे नहीं भागेंगे। उनके दिमाग में केवल एक बात थी – “कुछ अलग करना है।”
यहीं से शुरू हुई उनकी तलाश, एक ऐसे विकल्प की जो कम पैसों में शुरू हो सके और मुनाफा अच्छा दे सके। कई प्रयोग और रिसर्च के बाद उनकी नजर मशरूम की खेती पर पड़ी। उन्होंने YouTube, Google और अन्य प्लेटफार्म से मशरूम की बारीकियों को समझा और फैसला लिया कि अब यही उनका भविष्य होगा।
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घर से शुरू किया Small Business Idea पर काम
प्रभु का परिवार पारंपरिक खेती करता था – गेहूं और धान। उन्होंने सोचा क्यों न इसी से जुड़े संसाधनों का प्रयोग किया जाए। उन्होंने धान के पुआल और गेहूं के भूसे का इस्तेमाल किया और घर के एक खाली कमरे में मशरूम की खेती शुरू कर दी।
उन्होंने बांस से खुद रैक बनाए, जिसमें बैग रखे जा सकें। इसके बाद उन्होंने ₹5000 का स्पॉन खरीदा और 200 बैग तैयार किए। 30 दिन बाद जब फसल तैयार हुई तो उन्होंने उसे लोकल मंडी में बेचा और पहले ही सीजन में ₹45,000 की कमाई कर डाली। ये उनकी पहली जीत थी – छोटी लेकिन हौसला बढ़ाने वाली।
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3 साल में हुआ मुनाफा दोगुना
2020 से 2023 के बीच प्रभु ने हर साल 2-3 बार फसल ली और हर सीजन में 50,000 रुपये तक की कमाई की। शुरुआती सालों में उन्होंने केवल सीजनल खेती की, लेकिन जैसे-जैसे अनुभव बढ़ा, उन्होंने अपनी क्षमता को बढ़ाना शुरू कर दिया।
उन्होंने हर बार कुछ नया सीखा – चाहे वो मशरूम को नमी देना हो, तापमान नियंत्रित रखना हो या फिर सही समय पर कटाई करना। बिना किसी Professional Training के, प्रभु ने अपने दम पर इस बिजनेस को जमीन से आसमान तक पहुंचा दिया।
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साल 2024 में लिया बड़ा कदम
तीन साल की मेहनत के बाद प्रभु ने तय किया कि अब उन्हें खेती को सीजनल से प्रोफेशनल बनाना है। उन्होंने अपने खेत के पास 8×40 फीट की Air Conditioning यूनिट लगवाई, जहां वो अब साल भर मशरूम उगा सकते हैं।
अब उन्होंने 2500 बैग लगाने शुरू किए, जो कि पहले से 12 गुना ज्यादा था। दिल्ली से ऑनलाइन स्पॉन मंगवाने लगे और खुद ही खाद तैयार करना शुरू किया। अब वह साल में चार बार फसल लेते हैं और हर बार अच्छी कमाई करते हैं।
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हर महीने ₹50,000 की कमाई, बन चुके हैं प्रेरणा
आज प्रभु हर महीने ₹50,000 से ज्यादा कमा लेते हैं। उनके पास लोकल होटलों से लेकर थोक विक्रेताओं तक के ऑर्डर आते हैं। उन्होंने अपनी एक पहचान बना ली है – मेहनती किसान, जो परंपरागत से अलग सोचता है।
उनके गांव के युवा भी अब उनसे प्रेरणा लेकर खेती के नए तरीके अपनाने लगे हैं। प्रभु न सिर्फ एक सफल उद्यमी हैं, बल्कि ग्रामीण भारत के लिए एक मिसाल बन चुके हैं।
छोटे गांव से बड़े सपने
बिहार के एक छोटे से गांव से आने वाले प्रभु रंजन ने ये साबित कर दिया कि सपनों को हकीकत में बदलने के लिए न उम्र मायने रखती है, न जगह और न संसाधन। बस जरूरत होती है सच्ची मेहनत, सही दिशा और लगातार सीखते रहने की।
आज प्रभु की पहचान उनके मशरूम से है, और उनका सपना है कि आने वाले वक्त में वो मशरूम प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करें ताकि अपने गांव के युवाओं को भी रोजगार दे सकें।