Business News: देश के लाखों दूध और दही बेचने वाले छोटे Businessmen के लिए अब मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। अगर आप भी अपने से उत्पादन किया हुआ दूध या दही बेचते हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
जल्द ही एक ऐसा कानून बनाया है जिसमें छोटे से छोटा Business करने के लिए भी सरकार को जवाब देना पड़ेगा। जी हां, सही सुना आपने! सरकार ने नए नियम लागू करने की तैयारी कर ली है, जिनका पालन न करने पर आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। तो आइए जानते है सरकार के इस नियम के बारे में।
क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर नगर निगम ने एक नया आदेश जारी किया है, जिसके तहत अब हर उस व्यक्ति को, जो गाय और भैंस पालता है, एक लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।
इसमें दो या दो से अधिक गाय या भैंस रखने वालों को लाइसेंस बनवाना अनिवार्य है। इसके लिए गाय पर 500 रुपये और भैंस पर 1000 रुपये की एक निश्चित फीस हर साल चुकानी होगी और सरकार के अधिकारियों द्वारा सालाना निरीक्षण भी किया जाएगा।
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डेयरी लाइसेंस के लिए आवश्यक दिशा निर्देश
डेयरी Business शुरू करने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है। यह लाइसेंस न केवल आपके Business को वैध बनाता है, बल्कि पशुओं के कल्याण और दूध की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पशुओं के लिए उपयुक्त वातावरण
पशुओं के लिए उपयुक्त वातावरण का होना जरूरी है, जिसके लिए सरकार ने निम्नलिखित दिशा निर्देश दिए है:
स्थान: पशुओं को रखने के लिए पर्याप्त जगह होना आवश्यक है। प्रत्येक पशु के लिए कम से कम आठ वर्ग मीटर का हवा दार स्थान होना चाहिए।
सुविधाएं: पशुशाला में ठंड, गर्मी, बारिश और धूप से बचाव के लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
स्वच्छता: पशुओं के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। गोबर और अन्य कचरे को पशुशाला से कम से कम सात मीटर दूर रखना अनिवार्य है।
डेयरी फर्श: डेयरी की फर्श पक्की होनी चाहिए ताकि सफाई आसानी से हो सके और कीटाणुओं का प्रसार रुक सके।
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लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया
लाइसेंस प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
समय सीमा: डेयरी लाइसेंस के लिए आवेदन अप्रैल महीने में करना होता है।
जुर्माना: समय सीमा के बाद लाइसेंस लेने पर विलंब शुल्क देना होगा। साथ ही, बिना लाइसेंस के डेयरी चलाने पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। पहली बार के अपराध पर 1000 रुपये और दूसरी बार 2000 रुपये जुर्माना हो सकता है। अधिक गंभीर मामलों में 50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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पशुओं के लिए पहचान टोकन
नगर निगम ने पशुओं के लिए एक नई पहचान प्रणाली शुरू करने का निर्णय लिया है। इस प्रणाली के तहत, पशुओं के मालिकों को अपने पशुओं के लिए एक विशिष्ट टोकन प्राप्त होगा। यह टोकन पशुओं की गर्दन में इस प्रकार बांधा जाएगा कि वह आसानी से दिखाई दे। इस टोकन के माध्यम से, पशुओं के मालिकों की पहचान आसानी से की जा सकेगी।
यह पहल कई कारणों से महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, यह पशुओं के खो जाने की स्थिति में उन्हें उनके मालिकों तक पहुंचाने में मदद करेगा। इसके अलावा, यह पशुओं के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को बनाए रखने में भी मदद करेगा।
इसके साथ ही, नगर निगम ने पशुओं के मालिकों को सार्वजनिक स्थानों पर अपने पशुओं को खुला छोड़ने से मना किया है। पशुओं को गली, सड़क या पार्क जैसे सार्वजनिक स्थानों पर खुला नहीं छोड़ा जाना चाहिए।