NPS vs Mutual Funds: रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए कौन सा रहेगा ज्यादा फायदेमंद?
रिटायरमेंट के बाद की बेहतर जिंदगी के लिए इंडिया में कई सारे निवेश के विकल्प मौजूद हैं जिनमें NPS और Mutual Funds SIP सबसे फायदेमंद हैं।
उपलब्ध हैं निवेश के कई विकल्प
यह जनवरी 2004 में चालू की गई भारत सरकार की एक योजना है जिसे रिटायरमेंट के बाद पेंशन मुहैया कराने के लिए डिजाइन किया है। इसका फायदा भारत का भी कोई नागरिक उठा सकता है।
क्या है नेशनल पेंशन सिस्टम?
म्यूचुअल फंड एक मॉडर्न निवेश स्कीम है जिसमे इक्विटी, कमोडिटी और डेट फंड में निवेश करके ज्यादा रिटर्न हासिल करने को कोशिश की जाती है। ऐतिहासिक रिकॉर्ड देखने पर इसने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। इसमें सिर्फ ₹100 से भी SIP निवेश शुरू कर सकते हैं।
क्या है म्यूचुअल फंड प्लान?
आगे की स्लाइड में हम 5 जरूरी पॉइंट्स पर तुलना करके बता रहे कि आपको अपनी रिटायरमेंट के लिए किसको चुनना चाहिए, किसमें मिलेगा आपको ज्यादा पेंशन।
आपके लिए कौन सा बेहतर रहेगा, NPS या MF?
NPS: 9-12% वार्षिक कंपाउंडिंग रिटर्नMutual Funds: सालाना 12-20% तक का कंपाउंडिंग रिटर्न
लॉन्ग टर्म में कौन देगा अधिक रिटर्न?
NPS: ज्यादा सुरक्षितMutual Funds: ज्यादा रिस्क, ज्यादा रिटर्न
जोखिम (Risk):
NPS: पूरे 60 सालMutual Funds: कोई लॉक इन पीरियड नहीं है। केवल ELSS टैक्स सेविंग स्कीम में 3 साल।
लॉक-इन पीरियड:
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जहां NPS रिटर्न के मामले ज्यादा सुरक्षा, और टैक्स बेनिफिट देता है वहीं म्यूचुअल फंड उम्मीद से कहीं ज्यादा रिटर्न प्रदान कर सकता है। हालांकि Mutual Funds में NPS के मुकाबले रिस्क ज्यादा है। यदि आप उतार-चढ़ाव और थोड़ा रिस्क सहन कर सकते हैं तो MF SIP एक अच्छा विकल्प हो सकता हैं।
हम क्या सोचते हैं?(यह हमारा सलाह नहीं है)
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