Business Idea: वो कहते हैं ना कि मुसीबतें कभी बताकर नहीं आती। ऐसे ही जोधपुर की रहने वाली निर्मला शेखावत पर भी अचानक मुसीबत का पहाड़ टूटा, जिसने निर्मला की कामयाबी की एक नायाब कहानी लिख डाली।
निर्मला शेखावत ने अपने पति के निधन के बाद ऐसा बिजनेस शुरू किया जिससे उन्होंने अपने तीन बच्चों को तो पाला ही, साथ ही आज घर बैठे 30 महिलाओं को रोजगार भी दे रही है। आइए निर्मला शेखावत की Inspiring स्टोरी के बारे में गहराई से जानते है-
2020 में ही छूट गया पति का साथ
निर्मला शेखावत जोधपुर की रहने वाली है। 2020 में उनके पति का निधन होने के बाद उनके सामने बहुत सारी मुश्किलें खड़ी हुई। इनके तीन बच्चे थे और कमाने वाली ये अकेली। इनके सामने आर्थिक चुनौतियां खड़ी हो गई।
कम उम्र में शादी हो गई थी, इसलिए इनके पास कोई प्रोफेशनल डिग्री या डिप्लोमा भी नहीं था। जिसके कारण यह नौकरी नहीं कर सकी। मां, भाई और भाभी के सपोर्ट से इनके जीवन में बदलाव आया था।
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निर्मला ने शुरू किया यह बिजनेस
नवभारत टाइम्स ऑनलाइन के साथ बातचीत के दौरान निर्मला ने बताया कि उनके पति के देहांत के बाद उनके सामने पहाड़ जैसी चुनौतियां खड़ी हो गई। जिम्मेदारियों के इस दौर में उनकी मां, भाभी और भाई उनका अटूट सहारा बनकर खड़े हुए।
इन्हें इनकी क्षमताओं का एहसास कराया और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में मदद भी की। निर्मला ने पारंपरिक राजस्थानी स्नेक बनाने का बिजनेस शुरू किया और दूसरी महिलाओं के लिए भी एक मिसाल बन गई।
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शुरुआत में मिला ₹160 से भी कम का ऑर्डर
निर्मला ने मारवाड़ी मनवार के नाम से अपना काम शुरू किया। अपने इस काम में वह राजस्थानी नाश्तों के अलग-अलग व्यंजन बनाकर बेचती हैं। शुरुआत में उन्हें लोगों के ताने भी सुनने को मिले, लेकिन इसकी निर्मला ने कभी परवाह नहीं की और अपनी मंजिल की तरफ बढ़ती रही। उनको पहला ऑर्डर केवल 150 रुपए का मिला जो उनके इरादों को मजबूत करने के लिए काफी था।
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अपने घर से ही करती है काम
निर्मला ने बताया कि वह राजस्थान नाश्ते के व्यंजन घर से ही बनाती है। यह व्यंजन पूरी तरह से हाथ से बनाए जाते हैं। इनको तैयार करने में किसी भी प्रकार की मशीन, आर्टिफिशियल सामग्री या केमिकल इत्यादि का इस्तेमाल नहीं किया जाता।
इनके पास कोई फैक्ट्री नहीं है, लेकिन प्रतिभाशाली महिलाओं की एक टीम जरूर है, जो हर व्यंजन को पारंपरिक तरीके से बनाती है।
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30 महिलाओं की टीम मिलकर कर रही काम
निर्मला ने 30 और महिलाओं को अपने साथ इस काम के लिए जोड़ा है। वह घर पर ही अचार, पापड़ तथा दूसरे राजस्थानी व्यंजन बनाती है। वह 150 से भी अधिक राजस्थानी नाश्ता बनाकर बेचती हैं।