Successful Business Idea: एक समय था जब फलों के लिए सिर्फ हिमाचल प्रदेश या जम्मू कश्मीर को ही जाना जाता था। लेकिन अब समय बदल गया है। आज के समय में बिहार जैसे राज्य में भी आप सेब की खेती को होते हुए आसानी से देख सकते हो। शायद आपको पहली बार में यकीन भी ना हो। लेकिन यह सच है। इसलिए आइए आपको पूरी कहानी बताते हैं कि कैसे एक महिला इन दिनों बिहार में गमले में सेब उगा रही है।
Successful Business Idea
आज हम आपको जिस महिला की कहानी बताने जा रहे हैं उनका नाम है रानी पांडे। रानी चंपारण जिले की रहने वाली हैं। रानी को काफी पहले से खेती करने का शौक था। लेकिन समय के अभाव के चलते उन्होंने अपने इस शौक को दबा लिया। लेकिन कहते हैं कि शौक तो शौक होता है। इसलिए जब भी मौका मिलता है तो आपका शौक किसी ना किसी तरह से उभरकर सामने आ ही जाता है।
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पति से मिला शौक पूरा करने का मौका
रानी पांडे बताती हैं कि एक बार उनके पति ने हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) से सेब के कुछ पौधे मंगाए। हालांकि, वो पौधे किसी और के लिए मंगाए गए थे। लेकिन उनमें से उन्होंने 1 पौधा अपने पास रख लिया। जिसे वो चाहती थी कि गमले में लगा दें। क्योंकि वो चाहती थी इस पेड़ की अच्छे से देखभाल करेंगे और इसे बड़ा करेंगी।
लेकिन उनके पति ने इसे महज समय की बर्बादी बताया। क्योंकि आमतौर पर सेब की खेती ठंडे प्रदेशों में ही होती है। जबकि बिहार जैसे राज्य में तो तापमान 45 डिग्री तक चला जाता है। जिससे यहां पर सेब की खेती की कल्पना करना भी काफी कठिन काम है। लेकिन अगर की भी जाए तो उसके लिए काफी अलग व्यवस्था करनी होगी।
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1 साल में आने लगे फल
खास बात ये है कि रानी पांडे ने जिस पौधे को कभी मजाक में ही अपने घर में रख लिया था। वो अब फल देने लगा है। क्योंकि उन्होंने पूरे एक साल तक इस पेड़ की खूब देखभाल की। इसके अंदर खूब पानी दिया, खाद दी। साथ ही जरूरत के हिसाब से इस गमले को धूप और छांव के अंदर करती रही। जिससे इस पौधे के विकास में किसी भी तरह की समस्या नहीं आई। उनके लिए ये सेब का पौधा किसी बच्चे की तरह से था।
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आज गमले में करती हैं सेब की खेती
रानी पांडे आज के समय में गमले में ही सेब की खेती करती हैं। आज के समय में उनका पेड़ सेबों से लदा हुआ है। जिसे वो तोड़कर आसानी से खा सकती हैं। जबकि दूसरे लोग सेब को खरीदने के लिए बाजार में जाते हैं। उनके सेब के पेड़ की खास बात ये है कि वो इसमें किसी भी तरह के केमिकल का प्रयोग नहीं करती हैं। जिससे उनका सेब पूरी तरह से जैविक खेती से तैयार किया गया होता है। आज के समय में उनकी कहानी जो कोई भी सुनता है वो वाकई में हैरान हो जाता है।