Profitable Business Idea: विदेशी चीज को खुद लगाकर बंपर कमाई, जानें यह सुपर बिजनेस

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Profitable Business Idea: आज हर कोई ऐसा काम करना चाहता है, जिससे कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सके। ऐसे में अगर कोई ऐसा विकल्प सामने आए, जिसमें कम लागत, कम मेहनत और लगातार पांच साल तक कमाई की गारंटी हो, तो क्या आप उसे अपनाना नहीं चाहेंगे! यही नहीं, अगर उस काम की मांग शहरों से लेकर गांवों तक हो और उसकी उपयोगिता भी हर मौसम में बनी रहे, तो फिर इससे बेहतर बिजनेस और क्या हो सकता है!

एक विदेशी चीज़, जिसने भारत के गांव-गांव में अपनी पहचान बना ली है, अब सिर्फ ज़रूरत नहीं बल्कि शानदार कमाई का ज़रिया भी बन चुकी है। यह चीज़ देखने में भले ही आम लगे, लेकिन इसकी ताकत किसी सोने की खदान से कम नहीं। यही कारण है कि कई राज्यों में लोग इसे अपनाकर हर साल लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी खूबी ये है कि इसे एक बार लगाओ और कई साल तक पैसा कमाओ।

Profitable Business Idea

जी हाँ, हम बात कर रहे है नेपियर घास की खेती (Napier Grass Farming) की। यह सुपर घास कोई आम घास नहीं है, बल्कि थाईलैंड से आई एक खास किस्म की घास है। देखने में यह गन्ने जैसी होती है और इसकी लंबाई व मोटाई इतनी अधिक होती है कि इसे “हाथी घास” कहा जाने लगा। 

इसे सुपर नेपियर (Super Napier) के नाम से भी जाना जाता है। इसका उपयोग मुख्यतः दुधारू पशुओं के चारे के रूप में किया जाता है, लेकिन आने वाले समय में इससे CNG और बायोकोल बनाने की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं।

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दुधारू पशुओं के लिए वरदान

नेपियर घास में मौजूद पोषक तत्व दुधारू पशुओं के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। यह घास दूध उत्पादन को बढ़ाने में मदद करती है, साथ ही पशुओं की सेहत को भी मजबूत बनाती है। यही कारण है कि इस घास की मांग लगातार बढ़ रही है, खासकर डेयरी व्यवसाय से जुड़े किसानों और पशुपालकों के बीच।

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एक बार बुवाई, पांच साल तक फसल

इस Profitable Business Idea की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे एक बार बोने के बाद लगातार 5 साल तक काटा और इस्तेमाल किया जा सकता है। यानि न बार-बार बीज, न बार-बार खेत तैयार करने की जरूरत।

इससे मेहनत और खर्च दोनों कम होता है और कमाई कई गुना बढ़ जाती है। यही कारण है कि नेपियर घास को आज के समय का “स्मार्ट फार्मिंग ऑप्शन” माना जा रहा है।

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किसी भी मौसम में करें खेती

नेपियर घास की खेती की एक और शानदार बात यह है कि इसे किसी भी मौसम में उगाया जा सकता है – चाहे सर्दी हो, गर्मी हो या बरसात। जब खेतों में अन्य चारे जैसे मक्का, बरसीम या ज्वार की उपलब्धता नहीं होती, तब नेपियर एक बेहतरीन विकल्प बनकर सामने आता है।

इसकी बुवाई के लिए नेपियर स्टिक (डंठल) का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बीज नहीं होते। एक बीघा जमीन में करीब 4000 स्टिक की जरूरत होती है।

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कैसे करें बुवाई?

नेपियर स्टिक को खेत में 1.5 से 2 फीट की दूरी पर रोपा जाता है। बुवाई के लिए जुलाई से अक्टूबर और फरवरी से मार्च का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। 

सिंचाई की सुविधा हो तो इसकी बुवाई कभी भी की जा सकती है। यह घास 20 से 25 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है और इसके बाद इसकी शाखाएं खुद फैलने लगती हैं।

उत्पादन और कमाई का गणित

नेपियर घास का औसतन उत्पादन 300 से 400 क्विंटल प्रति एकड़ होता है। इस घास की कीमत बाजार में काफी अच्छी मिलती है और अगर किसान चाहें तो इसकी कटाई के बाद मिलने वाली स्टिक को भी बेच सकते हैं। इससे अतिरिक्त आय का जरिया बनता है। कई जगहों पर इसकी स्टिक की कीमत 2 से 5 रुपये प्रति डंठल तक मिलती है।

अगर सही तरीके से इसकी खेती की जाए तो एक किसान सालाना 3 से 4 लाख रुपये प्रति एकड़ तक कमा सकता है। इसके अलावा कई राज्य सरकारें जैसे राजस्थान, यूपी, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल, हरियाणा आदि नेपियर घास की खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी भी देती हैं।

बंजर जमीन का भी हो सकता है इस्तेमाल

नेपियर घास की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे सिर्फ उपजाऊ खेतों में ही नहीं बल्कि बंजर जमीन और खेतों की मेड़ों पर भी उगाया जा सकता है। यानी जिन किसानों के पास सीमित उपजाऊ जमीन है, वे भी इसे सहायक फसल के रूप में उगाकर मोटी कमाई कर सकते हैं।

भविष्य में ऊर्जा उत्पादन की भी संभावना

नेपियर घास को लेकर रिसर्च जारी है कि इससे बायो फ्यूल, CNG और कोयला जैसी वैकल्पिक ऊर्जा बनाई जा सकती है। यदि यह प्रयोग सफल होता है, तो भविष्य में इसकी मांग और भी तेज़ी से बढ़ेगी और यह घास किसानों के लिए ‘हरित सोना’ बन जाएगी।

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